धर्मगुरुओं की अपील, बनारस से देश को देंगे मैसेज, घरों में ही मनाएंगे त्योहार

धर्मगुरुओं की अपील, बनारस से देश को देंगे मैसेज, घरों में ही मनाएंगे त्योहार


बनारस के धर्मगुरुओं ने फैसला किया है कि बनारस से पूरे देश को लॉकडाउन के पालन का संदेश देंगे। कोई भी त्योहार घर पर ही मनाएंगे। शबे बारात पर भी घर से बाहर नहीं निकलेंगे। संकटमोचन में होने वाला हनुमान जयंती उत्सव और विश्व प्रसिद्ध संगीत समारोह भी नहीं करेंगे। 


भेलूपुर के मैत्री भवन में आयोजित बैठक में संकटमोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि हम बताएंगे, पुलिस लॉकडाउन का पालन नहीं करा रही है, बल्कि बनारस के लोग खुद लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। हम आने वाले त्योहार घर पर ही मनाएंगे। हनुमान जयंती 8 अप्रैल को है। हर साल इसमें हुजूम आता है लेकिन इस बार हम लोग नहीं कर रहे हैं। 











उन्होंने कहा कि कोरोना का न कोई धर्म है न ही कोई परंपरा। यह किसी का रिश्तेदार भी नहीं है और न ही यह भेदभाव करता है। इसे हल्के में न लें। सोशल मीडिया पर इसके बारे में आ रही बातों से भी सतर्क रहें। कोरोना की फिलहाल न कोई दवा है और न ही अभी इलाज है। इस समय सतर्कता ही बड़ा उपाय और इससे लड़ने का हथियार है। महामारी का स्वरूप ऐसा है कि केवल सतर्कता से ही बचा जा सकता है। पुलिस और मेडिकल स्टाफ पर बहुत दबाव है। इनकी बातों को सभी लोगों को सुनना चाहिए। जिसको भी कोरोना जैसे सिम्टम हो तत्काल प्रशासन को बताए और जांच कराए। जितनी जल्दी आप इलाज कराने जाएंगे, आपको उतनी जल्दी राहत मिलेगी। इससे डरने की भी कोई जरूरत नहीं है।


महंत जी ने कहा कि प्रशासन ने हमें सड़क पर निकलने का जो समय दिया है उसका सदुपयोग होना चाहिए। जब सब्जी लेने जाएं तो लेकर घर आ जाएं। तफरी नहीं करनी चाहिए। कोशिश यह होनी चाहिए कि दो तीन दिन की सब्जी एक बार में ही ले लें। ताकि रोज-रोज न निकलना पड़े। मुफ़्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि ऐसे वक्त में लोग एहतियात बरतें। शबे बारात में घरों से न निकलें। भीड़ न लगाएं। घरों में नमाज अदा करें। सभी धर्मों के त्योहार इस वर्ष लोग घरों में ही मनाएं। क्योंकि लोगों को भीड़भाड़ से बचाना है। नौजवान विशेष ख्याल रखें, जो लोग बाहर से सफर करके आ रहे हैं, वे बिना जांच घरों में दाखिल न हों।


उन्होने कहा कि कुछ लोग पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी कर रहे हैं, इसकी इजाजत न तो कानून देता है और न ही हमारा धर्म। उनका अपमान करना कानून व इंसानियत की दृष्टि से अपराध है। मौलाना बातीन ने जिला प्रशासन से अपील की कि ऐसे वक्त में गरीबों को चिह्नित कर उनकी मदद करे। भाई धर्मवीर सिंह, संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र, फादर चंद्रकांत आदि धर्मगुरुओं ने भी लोगों से त्योहारों को घरों में ही मनाने की अपील की।














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